2 min Speech on Global Warming in Hindi

2 min Speech on Global Warming in Hindi

2 min Speech on Global Warming in Hindi

2 min Speech on Global Warming in Hindi

Speech 1: 2 min Speech on Global Warming in Hindi

दोस्तों, हम सब आज एक गंभीर मसले पर बात करने के लिए जमा हैं: ग्लोबल वार्मिंग।

धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है, मानो वो बुखार में तप रही हो। ये कोई मामूली बुखार नहीं, दोस्तों। ये एक ऐसी आग है, जो हमारे ग्लेशियरों को पिघला रही है, समुद्रों को उफना रही है, मौसम को बेकाबू कर रही है।

आज, तूफान पहले से ज्यादा तेज आते हैं। कहीं अकाल पड़ते हैं, तो कहीं बाढ़ आती है। प्रजातियां लुप्त हो रही हैं, जंगल जल रहे हैं। ये सब ग्लोबल वार्मिंग का ही कहर है।

क्यों हो रहा है ये सब? हम ही जिम्मेदार हैं, दोस्तों। जीवाश्म ईंधनों को जलाकर हम ग्रीनहाउस गैसों को हवा में छोड़ते हैं, जो सूरज की गर्मी को फंसा लेते हैं। नतीजा? धरती का तापमान बढ़ता है।

लेकिन अभी भी देर नहीं हुई है। हम सब मिलकर इस आग को बुझा सकते हैं। कैसे? ये देखिए:

  • जीवाश्म ईंधनों को छोड़ो, हरियाली अपनाओ: सोलर, विंड पावर, ऐसी ऊर्जा अपनाएं, जो धरती को नुकसسان न दे। जंगल लगाएं, पेड़ बचाएं। हरियाली ही धरती का कवच है।
  • कम खाओ, ज्यादा मत फेंको: जरूरत भर खाएं, फिजूलखर्ची कम करें। चीजों को बार-बार बनाने की बजाय रिपेयर करें। याद रखिए, कम इस्तेमाल, ज्यादा बचत!
  • आवाज उठाओ, दूसरों को जगाओ: ग्लोबल वार्मिंग के बारे में बात करो, लोगों को जागरूक करो। सोशल मीडिया पर लिखो, दोस्तों से कहो। सबकी आवाज मिलकर ही तूफान बन सकती है।

दोस्तों, ये वक्त सोने का नहीं, जागने का है। धरती हमारी मां है, वो बुखार में है। अब हमारा फर्ज है, उसे दवा दें, उसे सहारा दें। मिलकर कसम खाएं, ग्लोबल वार्मिंग को हराएंगे, धरती को बचाएंगे!

धन्यवाद।

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Speech 2: 2 min Speech on Global Warming in Hindi

मस्कार! आज मैं आपसे बात करना चाहता हूं एक ऐसी समस्या के बारे में, जो कि ना सिर्फ हमारे देश को, बल्कि पूरे विश्व को प्रभावित कर रही है। मैं बात कर रहा हूं ग्लोबल वार्मिंग की।

शायद आपने सुना हो, धरती का तापमान बढ़ रहा है। ये कोई छोटी-मोटी बात नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक चेतावनी है। पिछले 100 सालों में ही औसत तापमान में 0.8 डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ है। ये सुनने में भले ही कम लगे, लेकिन इसके नतीजे भयानक हैं। ग्लेशियर पिघल रहे हैं, समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है, प्राकृतिक आपदाएं ज्यादा आ रही हैं, और कई प्रजातियां लुप्त हो रही हैं।

सोचिए, अगर हमने अभी नहीं चेते, तो क्या होगा? आने वाले समय में गर्मी और भी बढ़ेगी। बाढ़, सूखा, और तूफान आम हो जाएंगे। खाद्य उत्पादन कम होगा, जिससे भूखमरी का खतरा बढ़ेगा। लाखों लोग अपना घर-बार छोड़ने को मजबूर होंगे।

लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। अभी भी वक्त है कि हम इस आपदा को रोकें। हमें जीवाश्म ईंधनों से दूरी बनानी होगी और नवीकरणीय ऊर्जा की तरफ बढ़ना होगा। जंगलों को बचाना होगा और हरियाली बढ़ानी होगी। कम चीजें खरीदनी होंगी और ज्यादा टिकाऊ जीवनशैली अपनानी होगी।

ये कदम आसान नहीं होंगे, लेकिन हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है। हमें मिलकर काम करना होगा, सरकारों से मांग करनी होंगी, और हर छोटे प्रयास से बदलाव लाना होगा। याद रखिए, ग्लोबल वार्मिंग सिर्फ पर्यावरण की समस्या नहीं, बल्कि हमारी जिंदगी का सवाल है। आइए, हाथ मिलाएं और धरती को बचाएं!

धन्यवाद!

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Speech 3: 2 min Speech on Global Warming in Hindi

दोस्तों, हम सब सुन रहे हैं, धरती का बुखार बढ़ रहा है! ग्लोबल वार्मिंग एक खतरा नहीं, ये एक वास्तविकता है, जो आज हमारे दरवाजे पर खड़ी है।

पिघलते ग्लेशियर, उफनते समुद्र, अनियमित मौसम, ये ग्लोबल वार्मिंग के ही नज़ारे हैं। हमने जमकर जीवाश्म ईंधन जलाए, प्रकृति का दोहन किया, और नतीजा ये हुआ कि ग्रीनहाउस गैसें बेतहाशा बढ़ गईं, सूरज की गर्मी वायुमंडल में फंस गई, और धरती का तापमान चढ़ता ही चला गया।

पर अब वक्त है, हम सब जागें, हाथ मिलाएं, और इस बुखार को उतारें। हमें जीवाश्म ईंधनों से मुक्ति पाकर, नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाना होगा। पेड़ लगाने होंगे, जंगलों को बचाना होगा, हरियाली को बढ़ावा देना होगा। कम उपभोग करके, टिकाऊ जीवनशैली अपनाकर, पृथ्वी का बोझ कम करना होगा।

ये आसान नहीं होगा, लेकिन हमें हार भी नहीं माननी है। ये हमारी धरती है, हमारा घर है। आने वाली पीढ़ियों का भविष्य है। अगर हम आज नहीं बदले, तो कल बहुत देर हो जाएगी।

तो चलिए, एकजुट होकर, ग्लोबल वार्मिंग को रोकने का संकल्प लें। अपने घरों से, अपने शहरों से, बदलाव की शुरुआत करें। कम कार चलाएं, ज्यादा साइकिल चलाएं। बिजली बचाएं, पानी बचाएं। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दें, कम कचरा पैदा करें। अपनी आवाज़ उठाएं, सरकारों से जवाब मांगें।

साथियों, याद रखिए, बूंद-बूंद से ही घड़ा भरता है। छोटे-छोटे प्रयास, जब मिल जाते हैं, तो एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। आइए, धरती के डॉक्टर बनें, ग्लोबल वार्मिंग का इलाज खोजें, और एक स्वस्थ, हरा-भरा भविष्य बनाएं!

धन्यवाद!

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